जहरीला कफ सिरप “कोल्ड्रिफ” बनाने वाली श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द, फैक्ट्री बंद

vardaannews.com

(चेन्नई) जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ के सेवन से मध्य प्रदेश और राजस्थान में 29 बच्चों की मौत के मामले में इस सिरप की निर्माता तमिलनाडु के कांचीपुरम की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही फैक्ट्री को बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश की अन्य दवा कंपनियों को भी विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

48.6 प्रतिशत डायथिलीन ग्लाइकाल : तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग निगरानी तंत्र को कड़ा करेगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंडों का उल्लंघन करने वाली फार्मास्यूटिकल्स कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। राज्य के ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों ने इस निरीक्षण के दौरान कफ सिरप में 48.6 प्रतिशत डायथिलीन ग्लाइकाल (डीइजी) नमक विषैला पदार्थ की मात्रा पाई थी। जबकि मानक के अनुसार यह मात्र 0.1% से कम होनी चाहिए थी।

दो सालों से निरीक्षण ही नहीं किया गया : अधिकारियों ने यह भी पाया कि कंपनी में सही गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (जीएमपी) और अच्छा लैबोरेट्री प्रैक्टिसेज (जीएलपी) का अभाव था। कोल्ड्रिफ बनाने वाली फैक्ट्री में मानकों के 364 उल्लंघन पाए गए। इनमें से 38 गंभीर किस्म के थे। फैक्ट्री के मालिक जी. रंगनाथन को हाल ही में मध्य प्रदेश की एक विशेष जांच टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था। बता दे की श्रीसन फार्मा का पिछले दो सालों से निरीक्षण ही नहीं किया गया था। इस मामले में जिम्मेदार ड्रग कंट्रोल विभाग के दो अधिकारियों को तमिलनाडु सरकार निलंबित भी कर चुकी है।

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच भी शुरू कर दी : जानकारी के अनुसार कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच भी शुरू कर दी है। जांच एजेंसी ने सोमवार को तमिलनाडु में 7 स्थानों पर छापा मारा। इसमें कफ निर्माता श्रीसन फार्मा के साथ-साथ तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल ऑफिस और उसके वरिष्ठ अधिकारियों के आवास शामिल हैं। ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार श्रीसन फार्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच में तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता के सबूत भी मिले हैं।

मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप कांड के संदर्भ में खाद और औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने पुलिस को एक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें न्यू अपना फार्मा मेडिकल स्टोर के संचालक राजेश सोनी और कोल्ड्रिफ कफ सिरप के होलसेलर पर साक्ष्य छुपाने का आरोप लगाया है। राजेश सोनी ने सिरप की बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा और जांच टीम को बची हुई बोतले भी जब्त करने के लिए नहीं दी। इस आधार पर पुलिस अब सोनी को सह-आरोपित बनाने की तैयारी कर रही है। रिकॉर्ड में गड़बड़ी मिलने पर सात दवा दुकानदारों को नोटिस भी जारी किया गया है।

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