बिहार में मतदाता सूची को लेकर चल रहे विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद जिन मतदाताओं के नाम अंतिम मतदाता सूची में दर्ज होंगे उन सभी को चुनाव आयोग एक नया वोटर कार्ड जारी करेगा। आयोग ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला अंतिम मतदाता सूची के सामने आने और उन में मतदाताओं की ओर से मुहैया कराए गए फोटो की स्थिति को देखने के बाद लिया जाएगा। आयोग के मुताबिक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर को होगा।
इस बीच एसआईआर के तहत तैयार की गई ड्राफ्ट मतदाता सूची पर दावे-आपत्तियों को लेकर दी गई समय सीमा एक सितंबर यानि सोमवार को 5:00 तक खत्म हो रही है। इससे पूर्व आयोग ने 1 अगस्त से 31 अगस्त सुबह 10:00 बजे तक मिले दावे और आपत्तियों को लेकर जो ब्यौरा जारी किया है, उनमें ड्राफ्ट सूची में नाम जुड़वाने की जगह सूची से नाम हटाने के लिए सबसे अधिक आवेदन किए गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें राजनीतिक दल भी शामिल है।
आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 31 अगस्त तक राजनीतिक दलों में से माकपा (माले) एवं राजद ने कुल 128 आवेदन दर्ज कराए हैं। इनमें 103 नाम हटाने के लिए दर्ज कराए गए हैं। नाम जोड़ने के लिए सिर्फ 25 आवेदन ही दिए गए हैं। वहीं निर्वाचको की ओर से लगभग 2.40 लाख आवेदन दर्ज कराए गए हैं। इनमें 2.07 लाख आवेदन नाम हटाने के लिए हैं, जबकि नाम जोड़ने के लिए सिर्फ 33000 की आवेदन है। इनमें से चुनाव आयोग ने 38000 आवेदनों का निस्तारण भी कर दिया है।
आयोग के मुताबिक बिहार में नए मतदाता बनने के लिए मतदाताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। अब तक लगभग 15.32 लाख लोगों ने पहली बार मतदाता बनने के लिए आवेदन किया है। इनमें अधिकांश अक्टूबर 2025 तक 18 साल की उम्र पूरी करने वाले हैं। इनमें से भी 81000 आवेदनों का आयोग ने निस्तारण कर दिया है। आयोग ने एसआईआर शुरू होने के साथ ही मतदाताओं को नए वोटर कार्ड देने की योजना बनाई थी।
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