100 जिलों में लागू होगी पीएम धन-धान्य कृषि योजना

vardaannews.com

केंद्र सरकार ने प्रतीक्षित ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को बुधवार को मंजूरी दे दी।

इस योजना के तहत 100 जिलों में फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए सालाना 24000 करोड. रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे एक करोड़ 70 लाख किसानों को फायदा होगा। यह योजना अगले 6 साल चलेगी। योजना में उन जिलों को शामिल किया जाएगा जो कृषि उत्पादकता में पिछड़े हैं। प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले को इसमें जरूर शामिल किया जाएगा। वर्ष 2025-26 के बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को हरी झंडी दी गई, और यह अक्टूबर यानी रबी की फसल की बुवाई से शुरू होगी। कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि योजना का क्रियान्वयन केंद्र के 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं, राज्यों की योजनाओं एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी में किया जाएगा। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित यह देश की पहली योजना है जो नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित है। इसका उद्देश्य उत्पादकता में वृद्धि के साथ किसानों को फसल विविधीकरण की ओर प्रेरित करना है। साथ ही कटाई के बाद पंचायत-प्रखंड स्तर पर भंडारण क्षमता में वृद्धि एवं सिंचाई सुविधा में सुधार के साथ कृषि ऋण वितरण को आसान बनाना है।

उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए जिला राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी, जिनमें प्रगतिशील किसानों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। जिला धन-धान्य समिति द्वारा जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। जिले की योजनाएं फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता, प्राकृतिक एवं जैविक खेती को विस्तार देने जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होगी। नीति आयोग भी जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा। सभी जिलों में नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी भी इसकी नियमित समीक्षा करेंगे।

उधर, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक कार्यक्रम के दौरान कहां की योजना के क्रियान्वयन की तैयारी पहले से शुरू हो चुकी है। प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान अगस्त में शुरू होगा।

ऐसे चुने जाएंगे 100 जिले : योजना में सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले का चयन जरूर किया जाएगा। पात्र जिलों का चयन तीन प्रमुख आधारों पर किया जाएगा। उन जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें निम्न कृषि उत्पादकता होगी। साथ ही काम लोन वितरण एवं कम फसल घनत्व होगा। प्रत्येक राज्य में जिलों की संख्या उसे राज्य के निवल फसल क्षेत्र (नेट क्रॉप्ड एरिया) एवं परिचालन जोत (ऑपरेशनल होल्डिंग) के हिस्से पर आधारित होगी। योजना के मूल्यांकन के लिए हर जिले की प्रगति पर 117 संकेतकों के आधार पर नजर रखी जाएगी, और डैशबोर्ड के जरिए केंद्र सरकार अंतिम निगरानी करेगी।

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