(चंडीगढ़) प्रदेश के 48 ऐसे सरकारी स्कूल है जिनका 10वीं और 12वीं का रिजल्ट बेहद खराब रहा। इनमें 18 स्कूल ऐसे है जिनका 12वीं का रिजल्ट बिल्कुल शून्य रहा। इन 18 में से 15 स्कूल प्राइवेट और 3 स्कूल सरकारी है। सबसे खराब स्थिति नूंह जिले के स्कूलों की है। यहां के 14 स्कूलों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।
इसके अलावा पलवल के 2,हिसार,भिवानी व यमुनानगर का एक एक स्कूल शामिल है। इन सभी स्कूलों में तकरीबन 100 टीचर्स और हेड टीचर्स पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की तैयारी है। शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इन पर रुल-7 या रूल-8 के तहत कार्यवाही की जा सकती है। संबंधित स्कूलों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें टीचर्स और हेड टीचर्स की सूची भी है।
शिक्षा मंत्री ने बीते माह खराब प्रदर्शन करने वाले 20 स्कूलों के हेड से बैठक की थी। इसके बाद सरकार ने फिसला लिया था कि अच्छे प्रदर्शन वाले स्कूल खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों का मार्गदर्शन करेंगे जिससे उन स्कूलों का स्तर अच्छा हो सके। खराब प्रदर्शन का कारण कई विषयों के अध्यापकों की कमी भी है। शिक्षा विभाग ने कहा कि अब स्कूलों में अध्यापकों की कमी नहीं रहने दी जाएगी। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा सरकार निरंतर शिक्षा प्रणाली में सुधार में कार्यरत है।
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