तुर्की का बोरिया बिस्तर बांधने  में मुकेश अंबानी ने भी लगाया हाथ

vardaannews.com

भारत में तुर्की के समान का तीखा विरोध किया जा रहा है अब रिलायंस की आजियो ने तुर्की के ब्रांड बेचना बंद कर दिया है। इस विरोध का सबसे बड़ा कारण यह है कि भारत-पाकिस्तान के युद्ध में तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया।

तुर्की का भारत से बोरिया बिस्तर बांधने लगा है। जिस तरह उसने पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया अब यह उसे बहुत भारी पड़ रहा है। तुर्की के समान का भारत में विरोध शुरू हो चुका है भारतीय ने अपनी पूरी ताकत के साथ तुर्की को बाहर का रास्ता दिखाने की मुहिम चला रखी है अब इस विरोध में मुकेश अंबानी जैसे दिग्गजों का भी साथ मिल रहा है रिलायंस के स्वामित्व वाली आजियो ने तुर्की के फैशन ब्रांडों को बेचना बंद कर दिया है मिंत्रा ने भी ऐसा ही किया। इन दोनों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने तुर्की के उत्पादों को हटा दिया है। CAIT जैसे व्यापारिक संगठन भी तुर्की और अज़रबैजान के साथ व्यापार बंद करने की घोषणा कर चुके हैं इसका सबसे बड़ा कारण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की और अजरबैजान का पाकिस्तान को समर्थन करना माना जा रहा है।

रिलायंस की आजियो ने कोटॉन, LCS Waikiki और मावी जैसे तुर्की फैशन ब्रांडों को बेचना बंद कर दिया है कंपनी सुनिश्चित करना चाहती है कि यह देश के मूल्यों और भावनाओं के अनुरूप हो। यही नहीं रिलायंस ने तुर्की में अपना ऑफिस भी बंद कर दिया है। कंपनी ने यह भी बताया कि तुर्की टेक्सटाइल कंपनी  कंपनी क्वांक को टेक्सटाइल के साथ उनकी पुरानी साझेदारी अब खत्म हो चुकी है।

CAIT ने बताया कि वह उन भारतीय फिल्मों का बहिष्कार करेंगे जिनकी शूटिंग तुर्की या अज़रबैजान में हुई है। उन्होंने फिल्म निर्माण कंपनियों से कहा है कि इन देशों में प्रचार सामग्री की शूटिंग ना करें। CAIT का कहना है कि भारत ने हमेशा तुर्की और अज़रबैजान का साथ दिया लेकिन इन दोनों देशों ने मुश्किल के समय भारत के बजाय पाकिस्तान का साथ दिया व्यापारिक रिश्ता नहीं रखना चाहिए। CAIT ने दे। मिंत्रा के पास भारत में Trendyol  को बेचने का विशेष अधिकार था। जो महिलाओं के पश्चिमी कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। इस कंपनी में चीन की अलिबाबा कंपनी का भी निवेश है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मिंत्रा ने तुर्की के उत्पादों को अपनी साइट से हटाना शुरू कर दिया।   

तुर्की को भारी पड़ेगा : भारत में छोटी दुकानों से लेकर बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों तक सभी तुर्की से आने वाले सामान का विरोध कर रहे हैं। सरकार से व्यापार पर रोक लगाने को कह रहे हैं जिसका असर तुर्की  के व्यापार पर पड़ेगा। भारत हर साल तुर्की से लगभग 2.7 अरब डॉलर का सामान खरीदना है। जिसमें अधिकतर खनिज ईंधन और कीमती धातु होते हैं AICPDF का अनुमान है कि खुदरा बिक्री पर रोक से 23.4 करोड़ डॉलर के खाद्य उत्पादों की बिक्री प्रभावित हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल तुर्की से कपड़ों का आयात 8.1 करोड डालर था। जिस पर तुर्की के समान का बहिष्कार का असर देखने को आगे भी मिलेगा।

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