लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया।
आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया : इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई और 30 पुलिस व सीआरपीएफ जवानों समेत 70 लोग घायल हुए हैं। उपद्रवियों ने भाजपा कार्यालय और लेह स्वायत विकास परिषद के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इस दौरान करीब एक दर्जन वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए। उपद्रवियों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज, आंसू गैस और कथित तौर पर फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। पूरे जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा के बाद अनशन पर बैठे पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अनशन समाप्त करने की घोषणा कर दी। इसी बीच प्रशासन ने कांग्रेस नेता और पार्षद फूतसोंग स्टेंजिन सेपाग के खिलाफ हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि कांग्रेस नेता ने मंगलवार को भाषण दिया था, जिससे क्षेत्र में अशांति फैल गई। हालात को देखते हुए दो दिवसीय लद्दाख वार्षिकोत्सव उत्सव रद्द कर दिया गया है।
सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लेह में आंदोलन : उल्लेखनीय है कि सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लेह में आंदोलनकारी का एक दल 10 सितंबर से 35 दिन की भूख हड़ताल कर रहा है, जिसमें रोजाना 500 लोग शामिल होते हैं। केंद्र सरकार ने लेह अपेक्स बाडी (एलएबी) को उसकी मांगों पर विचार करने के लिए 6 अक्टूबर को बुलाया था, लेकिन उससे पहले ही हालात बिगड़ गए। भूख हड़ताल पर बैठे 72 वर्षीय त्सेरिंग अंगचुक्क और 62 वर्षीय ताशी दोल्मा की हाल में तबियत बिगड़ गई थी। उन्हें लेकर एसएनएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसे तनाव बढ़ने लगा। एलएबी की युवा इकाई ने बुधवार को लेह में पूर्ण बंद का आह्वान किया। एलएबी के नेताओं ने पिछले सोमवार को चेतावनी दी थी कि किसी भी समय हिंसा भड़क सकती है।
छठी अनुसूची क्या है?:
भारतीय संविधान की छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्र के प्रशासन के लिए स्वशासन और स्वायत्तता प्रदान करती है। इसके तहत स्वायत जिला परिषदें स्थापित की जाती है, जिन्हें भूमि, वन, सामाजिक रीति रिवाज, विवाह, तलाक और अन्य विशिष्ट विषयों पर कानून बनाने की शक्ति होती है। प्राथमिक स्कूल, बाजार, सड़के व स्थानीय विकास कार्य स्थापित और प्रतिबंधित कर सकती है।
*क्यों हो रहा हैआंदोलन? :
लद्दाख में आंदोलन का कारण जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत 31 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में लेह अपेक्स बाडी (एलएबी) द्वारा पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग है। लद्दाख के लिए अलग से लोक सेवा आयोग स्थापित करने और लोकसभा में लद्दाख के लिए दो सीटें सुनिश्चित करने की मांग भी है।
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