(हरियाणा) यमुनानगर, पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने बताया कि आपके बेटे या बेटी का नाम लेकर कहा जाए कि वह कहां है और अगले ही पल कहां जाए मैं नारकोटिक विभाग, सीबीआई या पुलिस से बोल रहा हूं और वह हमारी हिरासत में है। ड्रग्स या अन्य किसी गतिविधि से शामिल होने की वजह से उसे पकड़ा गया है। इसके अलावा आपके नाम विदेश से पार्सल आया और उसमें आपत्तिजनक वस्तु होने की बात कही जाए तो तुरंत सतर्क हो जाए। यह साइबर ठगों का काम हो सकता है।
साइबर ठग : साइबर ठग आपको डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का शिकार बना सकते हैं। ऐसे हालात में घबराएं नहीं सचेत रहें और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट के बारे में समझाते हुए कहा कि यह साइबर ठगों द्वारा अपनाया जाने वाला ठगी का नया तरीका है।
डिजिटल अरेस्ट के मामले में ठग किसी सरकारी एजेंसी का अफसर या पुलिस अफसर बनकर वीडियो कॉल करते हैं। वीडियो कॉल के बैकग्राउंड में किसी पुलिस स्टेशन की तरह बना लिया जाता है। जिसे देखने वाला हर व्यक्ति डर जाता है, और उनकी बातों में आ जाता है। इसमें पीड़ित को फोन कर झूठे मामले में पहले काफी डराया जाता है। इस दौरान ठग केस को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित से पैसे मांगता है, और पीड़ित उसकी रकम भी दे देता है।
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 : उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल पर डिजिटल अरेस्ट की शिकायत में अपराधी खुद को पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक विभाग, सीबीआई विभाग, आरबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के अधिकारी बताकर धमकी, ब्लैकमेल, जबरन वसूली और डिजिटल अरेस्ट जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं। ऐसे जालसाजों से बचकर रहे और तुरंत शिकायत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत करें।
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