हरियाणा में एक बार फिर से 1988 एवं 1995 जैसे बाढ़ के हालात बने हुए हैं। राज्य के कई हिस्सों में इस मानसून में औसत से 200% तक अधिक बरसात हुई है। अनेक प्रमुख मार्गों पर जल भराव हो गया है। आधा दर्जन जिलों में हालत अधिक चिंताजनक है। खास बात यह है कि राज्य से गुजरने वाली सभी नदियों उफान पर हैं। ग्रामीण प्रशासन की मदद से नदियों के तटबंधों को मजबूत करने में जुटे हैं, जिनमें मनरेगा के अंतर्गत महिला मजदूरों की भी मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार ही पिछले चार दिनों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में औसत से 200 से 700 फ़ीसदी अधिक बरसात हुई है।
1 से 4 सितंबर तक पंचकूला में 236, यमुनानगर में 141, अंबाला में 180, कुरुक्षेत्र में 101, करनाल में 80, कैथल में 95, सिरसा में 65, सोनीपत में 120 एवं हिसार में 114 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है। सभी नदियां उफान पर हैं। घग्गर नदी में चार सितंबर को सुबह गुहला चीका में 48,220 क्यूसेक पानी का प्रवाह रहा। ऐसे ही खनौरी में 12,900 क्यूसिक, चांदपुर में 14,400 क्यूसेक, सरदूलगढ़ में 37,700 क्यूसेक, खैरंका में करीब 17.6 फुट, ओटू हैड पर 20,500 क्यूसेक पानी का प्रभाव रहा। ओटू हैड से 185 क्यूसेक पानी नहरों में जबकि 16,358 क्यूसेक पानी राजस्थान साइफन में छोड़ा जा रहा है। ऐसे ही मारकंडा में झांसा के पास 12,403 जनसुई के पास टांगरी नदी में 14,805 क्यूसेक पानी का प्रवाह रहा। बेगना नदी में 10,000 क्यूसेक पानी है। बरसात एवं बाढ़ के पानी से राज्य के 2150 गांव में तबाही मचाई है। 6 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल का नुकसान पहुंचा तो आठ लोगों की मौत हुई है। राज्य के आधा दर्जन जिलों में 8 सितंबर तक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। सड़के धसने से तीन हाईवे एवं कई जिला संपर्क मार्गो पर आवागमन बंद हो गया है। सिरसा, अंबाला, कैथल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद एवं यमुनानगर सहित कई जिलों में असंख्या मकान की छतें गिर गई और दीवारों में दरार आ गई। चार जिलों में एसडीआरएफ की टीम में तैनात की गई है।
6.33 लाख हेक्टेयर में नुकसान को लेकर किसानों ने किया आवेदन :
हरियाणा सरकार के एक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 2150 गांव के1,06,722 किसानों ने नुकसान को लेकर अपना आवेदन किया है। कुल 6,33,708 हैक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। अंबाला जिले में 10 गांव के 41 किसानों ने कुल 192 हैक्टेयर फसल के नुकसान को लेकर आवेदन किया है। ऐसे ही भिवानी जिले में 110 गांव में 1,13,000 हैक्टेयर, फतेहाबाद के 104 गांव में 30,000 हेक्टेयर, गुरुग्राम में एक गांव की 59 हेक्टेयर, हिसार के 81 गांव में 12,000 हेक्टेयर, झज्जर में 258 गांव के 11,928 किसानों ने 75,000 हैक्टेयर फसल में नुकसान को लेकर आवेदन किया है।
इसी तरह जींद में 22 गांव में 4594 हेक्टेयर, कैथल में पांच गांव की 510 हेक्टेयर, कुरुक्षेत्र में 104 गांव की 15,000 हेक्टेयर, महेंद्रगढ़ में 373 गांव में 90,000 हेक्टेयर, रेवाड़ी में 11 गांव की 5,000 हेक्टेयर, रोहतक में 41 गांव की 52,000 हेक्टेयर, सिरसा में 108 गांव की 10,000 हेक्टेयर व यमुनानगर में करीब 5,000 हैक्टेयर फसल को नुकसान को लेकर किसानों ने आवेदन किया है। 15 सितंबर तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किसान नुकसान को लेकर आवेदन कर सकते हैं।
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