पहाड़ों पर बारिश से हरियाणा के 12 जिलों में बहने वाली यमुनानगर, टांगरी, मारकंडा, बेगना, सोम, पथराला समेत 7 नदियों में फिर उफान आ गया है। शुक्रवार को यमुना छोड़ 6 नदियों के तटबंध टूटने या ओवरफ्लो होने से 22 गांव, 17 कॉलोनी में पानी भर गया। खेत, घर जल मग्न हो गए। सीजन में पहली बार एक दिन में इतने बड़े क्षेत्र में बाढ़ के हालात बने हैं।
10000 एकड़ फसल को नुकसान : अंबाला में हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां टांगरी नदी का जलस्तर 38000 क्यूसेक पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 15000 क्यूसेक पर है। नदी का तटबंध टूटने से 17 कॉलोनी में तीन से 6 फीट तक पानी भर गया। लोग सामान लेकर सड़क या घर की छतों पर आ गए। 60 एकड़ फसल में पानी भर गया। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया है। दो नाव भी लगाई है। कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किया। वहीं बेगना नदी में 25000 क्यूसेक पानी बहा। यह ओवरफ्लो होने से गांव गोला जलमग्न हो गया। मारकंडे का जलस्तर 52650 क्यूसेक तक चला गया। नदी का पानी हेमा माजरा की सड़क पार कर सैकड़ो एकड़ फसलों में भर गया। सिरसा में घग्गर में उफान से 10000 एकड़ फसल को नुकसान हो चुका है।
यमुनानगर में हथिनी कुंड : यमुनानगर में हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर 92926 क्यूसेक पर पहुंच गया। 82406 क्यूसेक पानी दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया है। इसके चलते बोर्ड का अलर्ट जारी किया गया है। मुख्यमंत्री ने सभी डीसी को नदियों से लगते इलाकों का निरीक्षण कर बाढ़ से बचाव के प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। वहीं सोम नदी के पानी से कटाव के कारण गांव मलिक बांगर में बिजली लाइन गिर गई। नदी का पानी धनोरा पुल के ऊपर से बहा। यह तटबंध को पार कर चिंतपूर व खानूवाला की गलियों में भर गया।
बनकट, जोगीवाड़ा, लोपयो, लेंदी, हड़ौली, तारूवाला, बलौली, खरकाली में खेत जलमग्न हो गए। पथराला नदी ने कोटरा काहन सिंह के एरिया में तटबंध में कटाव किया। बरौली, माजरा, डमोली, रायपुर, तारूवाला, दसोरा, याकूबपुर ऊर्जनी के खेत में पानी भर गया। पंचकूला में 24 घंटे में 112 मिली मीटर बारिश हुई। टांगरी नदी में पानी बढ़ने से पुल का कुछ हिस्सा बह गया। भूस्खलन के कारण मोरनी क्षेत्र का संपर्क पंचकूला शहर से कट गया।
(हिमाचल) चंबा में भारी बारिश-भूस्खलन, तीन दिन में मणिमहेश के 11 श्रद्धालुओं की मौत: पिछले कुछ दिनों में जारी बारिश और भूस्खलन से पहाड़ी राज्यों में भारी नुकसान हुआ है। हिमाचल के चंबा के भरमौर में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ। तीन दिन में मणिमहेश यात्रा पर निकले 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। वहीं उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर में शुक्रवार तड़के अतिवृष्टि, बरसाती नालों में बाढ़ के साथ मलवा आने और भूस्खलन से पांच लोगों की मौत हो गई, 11 लोग लापता है।
पंजाब के फिरोजपुर : दूसरी ओर पंजाब के फिरोजपुर में बारिश से 62 गांव प्रभावित हुए हैं। पंजाब में भारी बारिश के चलते 62 गांव को खाली कर दिया गया है। कुछ जिले ऐसे हैं जिनमें पानी 6 फीट तक भर चुका है और सैकड़ो एकड़ फसलों का नुकसान हो चुका है। पंजाब में भाखड़ा डेम से 52663 क्यूसेक पानी छोड़ा। रणजीत सागर डेम से रावी दरिया में 50000 और पोंग डैम से ब्यास दरिया में 1,09,876 क्यूसेक पानी छोड़ा। इससे बाढ़ग्रस्त पांच जिलों में हालत बिगड़ गए। पुलिस व सेना के 10000 जवान राहत कार्य में लगाए गए हैं।
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