डर के कारण महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा 41% ज्यादा

vardaannews.com

स्टॉकिंग सिर्फ मानसिक उत्पीड़न नहीं है, यह उनके दिल की सेहत के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है। अमेरिका में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि स्टॉकिंग (लंबे समय तक पीछा करना) से पीड़ित महिलाओं में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी दिल की बीमारियों का खतरा 41% तक बढ़ जाता है। यह स्टडी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जनरल सरकुलेशन में पब्लिश हुई। इसमें 66270 महिलाओं के 20 साल के डेटा का विश्लेषण किया गया। इन महिलाओं की औसत उम्र 46 साल थी।

मानसिक तनाव से बिगड़ी है सेहत : स्टडी के मुताबिक स्टॉकिंग में हमेशा शारीरिक हिंसा नहीं होती, लेकिन यह डर, चिंता और लगातार सतर्क रहने जैसी मानसिक स्थिति पैदा करता है। इससे नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचता है, तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं। यह सभी चीज मिलकर दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है।

*महिलाओं की सेहत को लेकर चेतावनी :  रिसचर्स ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को दिल की बीमारी के एक अहम कारण के रूप में देखा जाना चाहिए। यह एक ऐसा फैक्टर है जिसे अब तक  नजरअंदाज किया गया है। महिलाओं की सेहत को बेहतर बनाने और पब्लिक हेल्थ पॉलिसी तय करने में इसे शामिल करना जरूरी है। दुनिया भर में महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारी है।रिसचर्स ने कहा कि स्टॉकिंग को अक्सर कम गंभीर माना जाता है, जबकि यह लंबे समय तक चलने वाला और नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने महिलाओं को सलाह दी की अगर वह कभी स्टॉकिंग या गंभीर उत्पीड़न का शिकार रही है, तो उन्हें दिल की सेहत की नियमित जांच करानी चाहिए, तनाव को मैनेज करना चाहिए और काउंसलिंग या हेल्पलाइन से मदद लेनी चाहिए।

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