जीएसटी में बदलाव से पहले थमी ऑनलाइन खरीदारी

vardaannews.com

(नई दिल्ली) जीएसटी में प्रस्तावित बदलावों को देखते हुए ग्राहकों ने उपभोक्ता वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक जैसे उत्पादों की ऑनलाइन खरीदारी को फिलहाल टाल दिया है।

विश्लेषकों का कहना है कि यह झटका अस्थाई है और त्यौहारी सीजन में बिक्री में उछाल आने की संभावना है। दरअसल अभी जीएसटी प्रणाली चार स्तरीय है। जिसकी कर दरें पांच, 12, 18 और 28% है। केंद्र द्वारा प्रस्तावित जीएसटी सुधार के अनुसार अधिकांश वस्तुओं पर 5% या 18% कर लगाया जाएगा। वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर जैसी व्हाइट गुड्स पर नई जीएसटी व्यवस्था के तहत कम कर लगाया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद नई कर दरों पर चर्चा के लिए तीन और चार सितंबर को बैठक करेगी। ग्रांट थार्नटन भारत के पार्टनर नवीन मालपानी ने कहा कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में उपभोक्ता व्यवहार में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा आंतरिक अनुमान बताते हैं कि अगर जीएसटी स्पष्टता में देरी होती है तो एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर जैसे महंगे सेगमेंट की बिक्री 25 -30% तक प्रभावित हो सकती है। यह सतर्क रुख उपभोक्ताओं की इस उम्मीद से प्रेरित है की नई स्लैब लागू होने के बाद इनकी कीमतों में गिरावट आएगी।

उदाहरण के लिए जीएसटी में बदलाव के बाद 1.2 लाख रुपए का स्मार्टफोन 10% तक सस्ता हो सकता है। जिससे खरीदार अपने फैसला टाल रहे हैं।

शिपराकेट के एमडी/सीईओ साहिल गोयल ने कहा कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने से उपभोक्ता अधिकतम विश्वास से खरीदारी करने के लिए प्रेरित होंगे। स्लैब में कटौती एक लाभ है। यह समर्थन में सुधार करती है, पहुंच को व्यापक बनाती है और वर्ष के सही समय पर क्रय शक्ति को मजबूत करती है।

पिलकार्ट समूह के मुख्य कॉरपोरेट मामलों के अधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि हम जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के कदम को एक संरचनात्मक सुधार के तौर पर देखते हैं। इससे खपत को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा त्यौहारी मांग को बढ़ावा मिलेगा और भारत की विकास-गाथा को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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