हाल ही में बेंगलुरु के 24 वर्षीय युवक को इमरजेंसी में लाया गया। उसे पेट में तेज दर्द और लगातार उल्टियां की शिकायत थी। जांच करने पर पता चला कि उसने पेरासिटामोल 650mg की 15 गोलियां करीब (9.75 ग्राम) एक ही दिन में खा ली थी। उसे अक्सर गैस्ट्रिक और सीने में दर्द की समस्या रहती थी। डॉक्टर ने उसे एसिडिटी की दवा दी थी। लेकिन जब उसने फार्मेसी से दवा ली थी तो साथ में पैरासिटामोल भी ले ली। रात को दर्द बढ़ा तो उसने पहले एसिडिटी की दवा ली और फिर एक-एक करके पेरासिटामोल की गोलियां खा ली। दर्द कम नहीं हुआ तो अगले 10 घंटे में उसने 15 गोलियां खा डाली। युवक ने जानबूझकर नहीं बल्कि अज्ञानता में इतनी गोलियां खा ली। उसने सोचा कि जितनी ज्यादा गोली उतनी जल्दी आराम, यह धारणा गलत है। इसी तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए 31 अगस्त को इंटरनेशनल ओवरडोज अवेयरनेस डे मनाया जाता है। ऐसे में जानते हैं:- इसके बारे में 3T फार्मूला का मतलब है टाइम टैबलेट और टारगेट।
टाइम दवा कब लेनी है, अलार्म सेट करें जैसे सुबह 9:00 बजे बीपी की गोली।
टेबलेट दवा लेने के बाद स्ट्रिप पर पेन से निशान लगाए। इससे दोबारा वही गोली लेने की गलती नहीं होगी।
टारगेट दवा पर लिख दे कि यह गोली किस बीमारी के लिए है। इससे गलत दवा खाने की आशंका घटेगी।
चार आम दवाइयां और उनके रिस्क
पेरासिटामोल हर घर में मौजूद होती है, पर ज्यादा खुराक लेने से लिवर फेल हो सकता है, और कई बार समय रहते लक्षण भी नहीं दिखते।
पेनकिलर्स दर्द कम करने के लिए लोग कई गोलियां एक साथ ले लेते हैं। इससे पेट में अल्सर, किडनी को नुकसान व दिल की बीमारियां हो सकती है।
कफ सिरप जिन सिरप में कोडीन या डेक्स्ट्रोमेथोर्फन जैसे तत्व होते हैं, उनका ज्यादा सेवन सेंट्रल नर्वस सिस्टम को दबा देता है। इससे ब्रीदिंग इशू हो सकते हैं।
एंटीबायोटिक ओवरडोज से पेट और किडनी पर असर पड़ता है, और सबसे खतरनाक है एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा है।
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