भाजपा नेताओं पर लाठी चार्ज, पीड़िता की मां से भी बदसुलूकी की… चूड़ियां तोड़ी

vardaannews.com

पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना को एक साल पूरे हो गए। शनिवार को इसकी पहली बरसी पर राजधानी कोलकाता में राज्य सचिवालय नबन्ना तक मार्च निकाल रहे राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी समेत सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस बल के साथ नोक-झोंक हो गई। इसके बाद कोलकाता पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। जिसमें कई लोग घायल हो गए। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। चूड़ियां तक तोड़ डाली।

पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सचिवालय तक जाने से रोक : घटना की पहली बरसी पर भाजपा ने राज्य सचिवालय तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया था। इसको देखते हुए सुरक्षा बल के भारी इंतजाम किए गए थे। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को भी तैनात किया गया था। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सचिवालय तक जाने से रोकने के लिए सड़क पर ऊंचे बैरिकेड लगा रखे थे। पुलिस चेतावनी के बाद बावजूद भाजपा नेता शुभेंदु पार्टी के दूसरे विधायक और सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़कर विद्यासागर सेतु से आगे बढ़ने का प्रयास किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोक-झोंक हो गई। उग्र प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस की कार्रवाई से नाराज शुभेंदु ने भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल समेत पार्टी विधायकों के साथ पार्क स्ट्रीट- जेएल नेहरू रोड क्रॉसिंग पर धरना दिया।

भाजपा ने आरोप लगाया की लाठी चार्ज में 100 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए। भाजपा नेता शुभेंदु ने दावा किया की लाठी चार्ज में आरजी कर पीड़िता के माता-पिता भी घायल हो गए।

बेटी के दुष्कर्म और हत्या की बरसी पर मार्च :  जूनियर डॉक्टर की मां ने आरोप लगाया कि जब वह अपनी बेटी के दुष्कर्म और हत्या की बरसी पर मार्च में शामिल होने जा रही थी तो महिला पुलिसकर्मियों ने बिना उकसावे के उनके साथ धक्का मुक्की की। इस दौरान शंख से बनी पारंपरिक चूड़ियां टूट गई और उनके सिर पर भी चोट लगी है। हमें इस तरह क्यों रोका गया। हम बस नबन्ना पहुंच कर अपनी बेटी के लिए न्याय मांगना चाहते हैं। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके परिवार को डोरीना क्रॉसिंग तक पहुंचने से रोका, जहां से उन्हें मार्च में शामिल होना था, जबकि कोर्ट ने शांतिपूर्ण रैली की अनुमति दी थी।

मृतक के माता-पिता ने लोगों से इस मार्च में शामिल होने का आग्रह किया : मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने लोगों से इस विरोध मार्च में शामिल होने का आग्रह किया था। जबकि शुभेंदु ने भाजपा कार्यकर्ताओं से बिना पार्टी झंडे के जुलूस में भाग लेने की अपील की थी। भाजपा कार्यकर्ताओं के हाथों में तिरंगा था। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय देने और मुख्यमंत्री ममता के इस्तीफे की मांग वाली तख्तियां पकड़ रखी थी।

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