(उत्तर प्रदेश) लगभग साढे 6 साल की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) गोपाल जी ने शुक्रवार को उन्मादी भीड़ की हिस्सा के मामले में 38 दोषियों को सजा सुनाई। इसमें बुलंदशहर जिले में स्याना के कोतवाल सुबोध कुमार की हत्या के मामले में पांच दोषियों को आजीवन कारावास एवं 20-20 हजार रुपए और अर्थदंड की सजा सुनाई गई। जानलेवा हमले, पथराव एवं बलवे के दोषी भाजपा नेता सचिन अहलावत व जिला पंचायत सदस्य योगेश राज समेत 33 दोषियों को सात-सात वर्ष के कारावास और सात-सात हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
3 दिसंबर 2018 : अधिवक्ता यशपाल सिंह राघव ने बताया कि 3 दिसंबर 2018 को स्याना कोतवाली की चिंग्रावठी पुलिस चौकी के गांव महाव में गोवंशियों के अवशेष मिलने पर उन्मादी भीड़ ने हिंसा और आगजनी की थी। इसमें कोतवाल सुबोध कुमार और युवक सुमित कुमार की मौत हो गई थी। सरकार ने सीओ राघवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। एसआईटी ने 3200 पेज की केस डायरी अदालत में दाखिल की। एसआईटी ने 44 आरोपितों के खिलाफ 127 पेज और दो आरोप पत्र 5 मार्च 2019 और 23 मार्च 2019 को दाखिल किए। सुनवाई के दौरान पांच आरोपितों की मौत हो गई। एक बाल अपचारी होने के कारण उसका केस बाल किशोर न्यायालय में विचाराधिन है। बुधवार को एडीजे-12 कोर्ट के न्यायाधीश गोपाल जी ने पांच दोषियों को उन्मादी भीड़ द्वारा की गई हिंसा और कोतवाल की हत्या का दोषी करार दिया। 33 लोगों को बलवा, पथराव, जानलेवा हमला का दोषी करार दिया था।
बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक योगेश राज हिस्सा भड़काने के मुख्य रूप से आरोपी : इस वारदात के दोषियों को राजनीतिक मुकाम भी मिला। योगेश राज जिला पंचायत सदस्य तो सतेंद्र लौंगा ग्राम प्रधान निर्वाचित हुआ, वहीं सचिन अहलावत भाजपा के बीबी नगर मंडल का दो बार अध्यक्ष बना। हालांकि सचिन के दोषीकरण होने पर भाजपा जिला अध्यक्ष ने उसे पद से हटा दिया है। जिला पंचायत सदस्य एवं ग्राम प्रधान के सजायाफ़्ता होने पर दोनों को पद से विमुक्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हिंसा में पुलिस ने 44 आरोपितों को जेल भेजा था वहीं पुलिस ने बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक योगेश राज को हिस्सा भड़काने का मुख्य रूप से आरोपी बनाया था। जमानत पर रिहा होने के बाद योगेश ने जिला पंचायत पद के लिए निर्दलीय व प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। सतेंद्र राजपूत भी जमानत मिलने के बाद प्रधानी का चुनाव लड़ा।
शुक्रवार को न्यायाधीश ने उन्मादी भीड़ द्वारा की गई हिंसा और कोतवाल की हत्या के दोषी प्रशांत नट, जॉनी, लोकेंद्र, राहुल और डेविड को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया। 33 दोषियों को सात-सात बरस के कारावास और सात-सात हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने धनराशि का 80% मृतक कोतवाल की पत्नी रजनी और 20% धनराशि राजकोष में जमा करने के आदेश दिए।
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