(नई दिल्ली) सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी खड़गपुर और ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में आत्महत्या के मामलों पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने दोनों मामलों की जांच को तेजी से आगे बढ़ने का निर्देश दिया। शैक्षणिक संस्थानों में आत्महत्या से होने वाली मौतों के मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस जेबी पार्डीवाला और आर महादेवन की पीठ ने पूछा प्रबंधन आखिर क्या कर रहा है? पीठ ने उत्तर प्रदेश व बंगाल पुलिस को चार हफ्ते के भीतर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
आईआईटी खड़गपुर में छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?: मैकेनिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के चौथे वर्ष के छात्र के आत्महत्या करने की घटना पर पीठ ने आईआईटी खड़गपुर के वकील से पूछा क्या गड़बड़ है? आईआईटी खड़गपुर में छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? क्या आपने इस समस्या पर विचार किया है? क्या कदम उठाए हैं? आईआईटी खड़कपुर मामले में न्यायमित्र ने कहा शिकायत संस्थान द्वारा दर्ज कराई गई थी। घटना की जांच चल रही है। इसमें कहा गया कि शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त टास्क फोर्स इस मुद्दे पर काम कर रहा है। लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट का रिकॉर्ड रखने में समय लगेगा। सुनवाई के दौरान आईआईटी खड़गपुर के वकील ने कहा कि 10 सदस्यीय समिति गठित की गई है तथा 12 सदस्यीय परामर्श केंद्र भी स्थापित किए गए है।
शारदा विश्वविद्यालय : शारदा विश्वविद्यालय में एक छात्रा से जुड़ी ऐसी ही घटना पर भी शीर्ष अदालत ने सवाल उठाए। पीठ ने आदेश दिया दोनों घटनाओं की जांच कानून के अनुसार और सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ाई जाए। न्यायमित्र के रूप में कोर्ट की सहायता कर रही अधिवक्ता अपर्णा भट्ट ने पीठ को दोनों मामलों में जांच की स्थिति से अवगत कराया।
शारदा विश्वविद्यालय मामले पर 30 पृष्ठों की स्थिति रिपोर्ट का हवाला देते हुए अपर्णा ने कहा, एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें दो व्यक्तियों के नाम है, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। पीठ ने पूछा क्या शारदा विश्वविद्यालय मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है? जो न्यायमित्र ने कहा प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीठ ने आगे पूछा इसे किसने दर्ज किया है? अपर्णा ने कहा मृतिका लड़की के पिता ने घटना के 2 घंटे बाद प्राथमिकी दर्ज कराई। तो पीठ ने पूछा पिता को कैसे पता चला कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है? पिता को किसने सूचित किया? अदालत ने प्रशासनिक लापरवाही पर चिंता जताते हुए पूछा क्या छात्रों ने पिता को सूचित किया? कॉलेज प्रबंधन ने इसकी सूचना क्यों नहीं दी। क्या पुलिस और अभिभावकों को तुरंत सूचित करना उनकी जिम्मेदारी नहीं है?
शारदा विश्वविद्यालय के वकील से पूछा हमारे निर्देशों का पालन क्यों नहीं कर रहे । पीठ ने शारदा विश्वविद्यालय के वकील से कहा आप हमारे निर्देशों का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं? हमने पूरा फैसला सुनाया है। हम यह अपने बच्चों के लिए कर रहे हैं। क्या यह आपका कर्तव्य नहीं है कि आप तुरंत पुलिस को सूचित करते और माता-पिता को सूचित करते।
राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन : शीर्ष अदालत ने 21 जुलाई को इन दोनों संस्थानों में छात्रों की मौत का स्वत संज्ञान लेकर न्याय मित्र से घटनाओं के संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या को गंभीरता से लिया और मार्च में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिताओं को दूर करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया।
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