एआइ मॉडल से निकाल सकेंगे चेहरे का प्रिंट

vardaannews.com

अहमदाबाद प्लेन जैसे बड़े हादसों में जान गंवाने वालों की पहचान हो सकेगी अब आसान।

पंजाब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने खास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल से किसी हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की पहचान करना आसान हो जाएगा। क्योंकि इसमें जबड़े और दांतों के आधार पर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से उसे व्यक्ति का चेहरा तैयार हो सकेगा। इस तकनीक में अधिकतम 15 से 20 मिनट का समय लगता है।

इसकी विशेषता : यह एआइ मॉडल अहमदाबाद प्लेन जैसे बड़े हादसों में काफी मददगार साबित हो सकता है। करीब सात महीने के शोध के बाद इस एआइ मॉडल को केंद्र सरकार ने पेटेंट सर्टिफिकेट जारी किया है। हाल ही में अहमदाबाद प्लेन हादसे में मृतकों की पहचान में काफी समय लगा। ऐसे हादसों में डीएनए से ही मृतकों की पहचान की जा सकती है। लेकिन इसमें काफी समय लगता है। लेकिन अब एआइ मॉडल से मृतकों को की पहचान सिर्फ उनके दांतों और जबड़े के आधार पर की जा सकेगी। इसकी विशेषता यह है कि यह न केवल पहचान तेजी से करता है बल्कि इससे मृतकों के परिवारों को भी जल्दी न्याय मिल सकेगा।  

827 लोगों के नमूने के 95% प्रयोग सफल रहा : डॉक्टर कृष्ण ने बताया कि इसके लिए तीन प्रोफेसर और छह शोधकर्ताओं ने 7 माह तक शोध किया है। 827 लोगों के नमूने लिए और 95% तक यह प्रयोग सफल रहा। पहले किसी हादसे के बाद मृतकों की पहचान के लिए मेनुअल तौर पर फेस तैयार किया जाता था, लेकिन इस नई तकनीकी से कुछ ही मिनट में चेहरे को तैयार कर व्यक्ति की जानकारी मिल जाएगी। इस तकनीक का देश भर में फोरेंसिक लैब को फायदा होगा। घटनास्थल पर ही एआइ  मॉडल हमसे दांतों और जबड़े की फोटो लेकर चेहरे को तैयार किया जा सकता है। इस तकनीक में खर्च भी अधिक नहीं आता।

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