(जम्मू कश्मीर) जम्मू कश्मीर में मरणासन्न आतंकवाद को जिंदा रखना और स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने ऑनलाइन भर्ती का षड्यंत्र चला रखा है।
छापेमारी में मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त : इसका मुख्य सूत्रधार पाकिस्तान में बैठा जैश का कमांडर शौकत अली उर्फ अब्दुल्ला गाजी है। इसका राजफाश जम्मू कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस विंग कश्मीर (सीआइके) ने किया। उसके ऑनलाइन भर्ती मॉड्यूल में शामिल साइबर जिहादियों में कुछ जिहादी कश्मीर में है। यह लोग स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे हैं। पिछले 24 घंटे में (सीआइके) ने कश्मीर में अलग-अलग जगह से 10 साइबर जिहादी गिरफ्तार किए हैं। शनिवार को 5 जिलों में 10 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। ठिकानों से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरणों के अलावा आतंकी साहित्य भी जब्त किया गया।
इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग : सीआइके ने विगत 1 वर्ष में 5 ऑनलाइन आतंकी भारती मॉड्यूल ध्वस्त किए हैं। इनसे जुड़े कश्मीर के छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह मॉड्यूल हमास और गाजी बाबा, समामा जैसे नाम से संचालित हो रहे थे। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों ने इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग करते हुए, कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को चलाने का एक षड्यंत्र चला रखा है। इसके तहत साइबर जिहादी इंटरनेट मीडिया पर कश्मीर के युवाओं से संपर्क चाहते हैं, और उनमें से जिहादी मानसिकता वालों को चिन्हित करते हुए उन्हें आतंकी संगठनों में भर्ती के लिए तैयार करते हैं। सीआइके ने शौकत अली उर्फ अब्दुल्ला गाजी के मॉड्यूल का पता लगाया है।
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