इनकम टैक्स बचाने के लिए होम लोन के ब्याज, गंभीर बीमारी, हेल्थ इंश्योरेंस, राजनीतिक पार्टियों और गैर सरकारी संगठनों को चंदा देने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों की अब खैर नहीं। सोमवार को इनकम टैक्स विभाग ने देशभर में ऐसे फर्जीवाड़ा करने वाला के 150 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और मध्य प्रदेश में की गई है।
इनकम टैक्स बचाने और गलत रिफंड प्राप्त करने के लिए फर्जीवाड़ा करने वाले में बहुराष्ट्रीय और सरकारी कंपनियों के कर्मचारी शैक्षणिक संस्थाओं के बाबू और उद्यमी शामिल है। फर्जीवाड़ा करने वालों के साथ-साथ उन टेक्स प्रोफेशनल पर भी कार्यवाही की जा रही है जिन्होंने इस कार्य में टैक्सपेयर्स की मदद की है। इन लोगों ने टैक्स के सेक्शन 80ई, 80जीजीसी, 80डी, 80ईई, 80ईईबी, 80जी, 80डीडीबी और 80जीजिए के तहत टैक्स बचत और रिफंड का गलत दावा किया था।
इनकम टेक्स के विभाग के अनुसार फर्जी दावों की पहचान के लिए थर्ड पार्टी से प्राप्त सूचनाओं के अलावा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को जमीन सूचनाओं का उपयोग किया जा रहा है। इन सूचनाओं के आधार पर ही देश के विभिन्न राज्य में छानबीन की जा रही है। छानबीन में यह पाया गया कि टैक्सपेयर्स को फर्जी स्कीम के जरिए सरकार से अधिक रिफंड दिलाने का वादा किया जाता है। और मदद करने वाले उनसे कमीशन लेते हैं। इस प्रकार से किया में देशभर में एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है।
उम्मीद की जा रही है कि छानबीन की इस कार्रवाई से उन्हें बेनकाब करने में मदद मिलेगी। फर्जी आईटीआर भरने के लिए अस्थाई ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे टैक्स विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस को वे पढ़ नहीं पाते। विभाग के अनुसार टैक्सपेयर्स पर पहले भरोसा सिद्धांत के तहत गलत रिटर्न भरने वालों को पहले एसएमएस और इमेल के जरिए सचेत किया जाता है, ताकि वे रिटर्न को सुधार सकें। पिछले चार महीनों में 40,000 से अधिक टैक्सपेयर्स ने अपने रिटर्न को अपडेट किया है, और रिफंड से जुड़े 1045 करोड के फर्जी दावों को वापिस लिया गया है।
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