देश में अत्यधिक नमक खाने से लोगों में उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, हृदय रोग व गुर्दों की बीमारी का खतरा बढ़ रहा है।
भारतीय आयुविज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (एनआईई) के वैज्ञानिकों ने चुपके से दस्तक दे रही इस महामारी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। वैज्ञानिकों ने इसके समाधान के लिए समुदाय आधारित नमक कटौती पर अध्ययन शुरू किया है। उनका कहना है कि कम सोडियम वाले नमक के सेवन से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार एक व्यक्ति को प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक खाना चाहिए। जबकि भारतीय रोज करीब 9.2 ग्राम नमक का सेवन करते हैं।
एनआईई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शरण मुरली ने बताया कि कम सोडियम वाला नमक बेहतर विकल्प है। ऐसे मिश्रण जिसमें सोडियम क्लोराइड के एक भाग को पोटेशियम या मैग्नीशियम लेवल से बदल दिया जाता है। अध्ययन का हिस्सा एनआईई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि कम सोडियम वाला नमक रक्तचाप को घटाने व हृदय के संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार में मदद करता है।
28% दुकानों पर मौजूद : एनआईई ने चेन्नई में बाजार सर्वेक्षण में पाया कि 300 दुकानों में से कम सोडियम वाले नमक की उपलब्धता सिर्फ 28% दुकानों पर ही है। मार्केट में यह सिर्फ 28% उपलब्ध है पर छोटे दुकानदारों में महज 4% है। डॉक्टर मुरली ने कहा ज्यादा नमक खाने से उच्च रक्तचाप में 25 से 50% की वृद्धि होती है।
कम सोडियम वाला नमक दोगुना महंगा : कम सोडियम वाले नमक की कीमत औसतन 5.6 रुपए प्रति 100 ग्राम है, जो सामान्य आयोडीन युक्त नमक से दोगुना से भी ज्यादा है।
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