(चंडीगढ) हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट 2025 की परीक्षा में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू किया जाएगा। आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने शुक्रवार को देर रात जानकारी दी। इस बार सीईटी के लिए 13 लाख 48 हजार 697 युवाओं ने पंजीकरण करवाया है। प्रदेश में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की परीक्षा 26 व 27 जुलाई को चार चरणों में आए जिसकी जाएगी।
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन आयोग ने दो से ज्यादा शिफ्ट में परीक्षा होने की कारण यह फार्मूला लागू किया है। इसके तहत सभी कैंडिडेट्स के नंबर पेपर की कठिनाई के अनुसार नंबरों को बराबर करने के लिए इस फार्मूला का इस्तेमाल किया जाएगा।
नॉर्मलाइजेशन एक ऐसा फार्मूला है जिसका इस्तेमाल विभिन्न शिफ्टों में होने वाली परीक्षा में किया जाता है। इस फार्मूले में परीक्षा के अंकों को समान स्तर पर लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे एजेंसी यह सुनिश्चित करती है कि सभी छात्रों को समान अवसर मिले,भले ही उनकी परीक्षा का स्तर अलग हो।
नॉर्मलाइजेशन फार्मूले की जरूरत : नॉर्मलाइजेशन फार्मूले की जरूरत तब पड़ती है जब कोई एग्जाम एक से ज्यादा शिफ्ट में आयोजित की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर शिफ्ट का पेपर अलग हो सकता है जिससे कुछ छात्रों को आसान और कुछ छात्रों को कठिन पेपर मिल सकता है। नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला इन एएनओ को दूर करने में मदद करता है और सभी छात्रों को समान स्तर पर आंकने में मदद करता है। नॉर्मलाइजेशन फार्मूले में पेपर की कठिनता तय करने के लिए कुछ विधियां प्रयोग की जाती हैं। इनमें से एक विधि में, परीक्षा के अलग-अलग शिफ्ट या दिनों के पेपरों के कठिनाई स्तर की तुलना करके देखा जाता है कि कौन सा पेपर अधिक कठिन था।
दूसरा तरीका यह है की परीक्षा के अंकों का वितरण देखा जाता है। यदि एक शिफ्ट में अंकों का वितरण कम है, तो यह माना जाता है कि वह शिफ्ट अधिक कठिन थी।
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