एक ऐसे दुर्लभ खगोलीय पिंड का पता चला है। जो सौरमंडल के बाहर से आया है।
हाल ही में खगोलविदों को हमारे सौरमंडल से होकर गुजरने वाले दुर्लभ खगोलीय पिंड का पता चला है। जो सौरमंडल के बाहर से आया है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने इसे 3-आई/ एटलस नाम दिया है। यह हमारे सौरमंडल में प्रवेश करने वाला तारों के बीच या अंतर्तारकीय अंतरिक्ष से आया तीसरा अज्ञात मेहमान है। जो किसी अन्य तारामंडल से आया हुआ, भटकता यात्री प्रतीत होता है। इससे पहले 2017 और 2019 में दो अंतर्तारकीय पिंड (इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट) हमारे सौरमंडल से होकर गुजर चुके हैं। फिलहाल यह नया अंतर्तर्कीय मेहमान खगोल शास्त्रियों के लिए उत्साह का केंद्र बना हुआ है, और दुनिया भर के खगोलीय विदेश्यालय जिज्ञासावश अपनी दूरबीनो को इसी मेहमान की दिशा में मोड. रही है।
1 जुलाई को नासा के एटलस दूरबीन ने चिली के रियो हैट्रेडो में इस रहस्य में पिंड को पहली बार देखा। शुरुआत में इस ‘ए-11 पी एल-3 जेड’ के नाम से जाना गया लेकिन बाद में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ माइनर प्लेनेट केंद्र ने इसका नाम बदलकर 3-आई/ एटलस कर दिया। 3-आई से पता चलता है, कि यह तीसरा अज्ञात अंतर्तर्कीय पिंड है। यूरोपीय अंतरिक्ष संस्था (ईएसए) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस पिंड का प्रश्नेप पाठ और गति इसके अंतर्तर्कीय उद्गम को दर्शाते हैं। इसकी कक्षा हाइपरबॉलिक है जिसकी विकेंद्रता (एक्स्क्रेटरीसिटी) 6 से 11.6 के बीच है, जो सौरमंडल के आम पिंडों की तुलना में कहीं ज्यादा है। इससे यह पता चलता है कि यह पिंड सूर्य के गुरूत्वाकर्षण से बंदा नहीं है। वर्तमान में यह अक्षुद्रग्रह बेल्ट और बृहस्पति को कक्षाओं के बीच स्थित है। और तेजी से आंतरिक सौरमंडल की ओर बढ़ रहा है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य के अलावा अन्य तारों के भी ग्रह, उपग्रह, अक्षुद्र ग्रह और धूमकेतु हो सकते हैं। अपने सौरमंडल के सदस्यों में भले ही हम काफी कुछ जानते हैं,लेकिन सौरमंडल के सबसे दूर स्थित एक विशाल और गोलाकार बादल जिसे ‘ओर्ट क्लाउड’ कहा जाता है को अभी हम बहुत कम जान पाए हैं। एक रोबोटिक दूरबीन के माध्यम से 3-आई/ एटलस की तस्वीर कैप्चर की गई है, जिसमें यह एक स्थिर प्रकाश बिंदु की तरह दिखाई दिया, जिससे यह पता चलता है कि यह पत्थर से ज्यादा बर्फ से बना हो सकता है। जो इसे धूमकेतु की श्रेणी में रख सकता है।
बहरहाल सौरमंडल के बाहर से आए इस तीसरे मेहमान की खोज कई मायनों में महत्वपूर्ण है। एक तो यह कि यह हमें अन्य तारामंडल प्रणालियों की संरचना और गतिशीलता को समझने का अवसर देता है। इसकी बर्फीली संरचना और विलक्षण गति हमें उन परिस्थितियों के बारे में बताती हैं, जो किसी अन्य तारे के इर्द-गिर्द विद्यमान हो सकती है। दूसरा इस खोज से यह भी पता चलता है कि ब्रह्मांड में ऐसे पिंड हजारों की संख्या में हो सकते हैं, जो सौरमंडल में आते जाते हैं लेकिन हमारी नजरों से बच जाते हैं।
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