आज हमें अधिकतर लोग खर्राटों को मजाक या आम बात मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह गंभीर बीमारी के संदेश हो सकते हैं। जिसे (ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपीनिया) कहा जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह एक छुपी हुई बीमारी है जिससे भारत में करीब 10.4 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन उन लोगों को इसका पता तक नहीं होता। ऑब्स्टेक्टिव स्लीप एपीनिया स्लीप डिसऑर्डर है जिस व्यक्ति को नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती रहती है या बेहद धीमी हो जाती है। यह रुकावट गले के रास्ते में आती है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और नींद बार-बार टूटती है। साधारण खर्राटे केवल सांस की आवाज होती है, लेकिन इसमें सांस रुकने की घटनाएं होती है जिसे एपीनिया या हाइपोपनिया कहा जाता है।
लक्षण : बीमारी के आम लक्षणों में शामिल हैं, तेज और लगातार खर्राटे, नींद में हम हांफना या घुटन महसूस होना, दिन में अत्यधिक नींद या थकावट रहना और सुबह उठने पर सिर दर्द या मुंह सूख जाना।
टेस्ट : यदि आप यह आपके परिवार में कोई तेज खर्राटे लेता है ,नींद में सांस रुकने की शिकायत करता है, या दिन में बहुत थका हुआ रहता है तो STOP- BANG नामक एक क्विक टेस्ट करवा ले।
खतरा : यह केवल नींद की बीमारी नहीं है यह शरीर के कहीं हम अंगों को प्रभावित करती है जैसे:
1.हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम
2.डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर
3.हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा
4.टाइप-2 डायबिटीज और इन्सुलिन रेजिस्टेंस
5.याददाश्त और सोने की क्षमता पर असर
6.रात में ऑक्सीजन की कमी व शरीर में सूजन
यह बदलाव जरूरी : कुछ आसान सी आदतें अपनाकर इसे रोका जा सकता है जैसे रात को सोने से पहले भारी भोजन या अल्कोहल ना लें, सोने का समय तय करें और स्क्रीन टाइम कम करें। सिरहाना का कम प्रयोग करे व हमेशा करवट लेकर सोएं।
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