सार
खेलो इंडिया योजना के तहत देश भर में खेलों को जमीन पर बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाएं लागू की जा रही है लेकिन इस बीच हरियाणा में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है।
विस्तार
देशभर में खेलो इंडिया योजना के तहत खेलों को जमीन स्तर पर मजबूत करने की सरकारी कवायद तेज है, लेकिन हरियाणा इसमें पिछड़ता जा रहा है। महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में इस दिशा में तेजी बढ़ोत्तरी हो रही है लेकिन हरियाणा में इसके विपरीत, टेबल टेनिस का एकमात्र सेंटर भी बंद होने को जा रहा है। जिसके फल स्वरुप अब खिलाड़ियों को प्राइवेट एकेडमी में अभ्यास करने को मजबूर होना पड़ेगा। हरियाणा में यह हालत तब है जब हरियाणा खेलो इंडिया में लगातार आगे बढ़ रहा है। कर्नाटक पदक तालिका में 58 मेडल के साथ चौथे स्थान पर था लेकिन एकेडमी आवंटन में कर्नाटक हरियाणा से आगे है। इसी प्रकार पूर्व स्थान पर 47 मेडल के साथ रहने वाला पंजाब को 24 एकेडमी दी गई है।
खेल बजट में भी अनदेखी : जब खेल बजट के लिए हर एक राज्य को राशि की दी गई तब भी हरियाणा को अनदेखा किया गया। हरियाणा को केवल 66.59 करोड़ रुपए की राशि जो कुल बजट का सिर्फ 3% हिस्सा दी गई है।
प्रदेश में केंद्र बनाने की मांग : खेलो इंडिया राज्य स्तरीय केंद्र बढ़ाने की मांग के लिए प्रदेश के खिलाड़ी अगले महीने में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया से मिलेंगे। कोच वीरेंद्र राणा का कहना है कि प्रदेश में सेंटर होने से खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश को खेल जगत में आगे बढ़ा सकेंगे।
खेलो इंडिया के सेंटर : महाराष्ट्र में 41 खेलो इंडिया की सेंटर है। कर्नाटक में 39 खेलो इंडिया के केंद्र है। पंजाब 24 सेंटर है। जबकि हरियाणा में केवल 17 ही खेलो इंडिया के केंद्र है। हरियाणा में टेबल टेनिस का सेंटर नहीं है जिसके कारण खिलाड़ियों को सुविधाओं के लिए निजी एकेडमी पर हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
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