सार
8 महीने का युवांश दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी का नाम स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप- 1 है। डॉक्टर के मुताबिक इस बीमारी के इलाज के लिए बच्चों को 14.50 करोड. रूपये का इंजेक्शन लगेगा।
विस्तार
युवांश के पिता राजेश हरियाणा पुलिस विभाग के साइबर सेल फतेहाबाद में कांस्टेबल के पद पर सरकारी कर्मचारी हैं। उनका मासूम बच्चा जो कि सिर्फ 8 महीने का है| युवांश दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से जूझ रहा है। यह बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 यानी SMA है। इसके इलाज के लिए 14.50 करोड़ का इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन स्वीटजरलैंड में जिनेवा से मिलता है। लेकिन यह रकम इतनी बड़ी है कि आम इंसान के लिए इसे जुटाना संभव नहीं। इसलिए मजबूर होकर युवांश के पिता ने अपने साथी कर्मचारियों से बेटे के इलाज के लिए मदद करने की गुहार लगाई है।
पुलिस विभाग फतेहाबाद के अलावा प्रदेश भर के पुलिसकर्मी अब युवांश की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। सिरसा और कैथल में मदद को लेकर विभाग की तरफ से पत्र जारी किया जा चुका है। जिला पुलिस अधिकारी ने आश्वासन दिया है की वह ज्यादा से ज्यादा मदद करने की कोशिश करेंगे।
2024 में हुआ था युवांश का जन्म : राजेश ने बताया कि 9 अक्टूबर 2024 को उनके बेटे युवांश का जन्म हुआ था। जब युवांश 2 महीने का हुआ तो वह सामान्य बच्चों की तरह सक्रिय नहीं था। उन्होंने युवांश को हिसार के डॉक्टर को दिखाया। पहले तो डॉक्टरों ने कहा कि सब ठीक हो जाएगा। कुछ बच्चे थोड़ी देर से विकास करते हैं। लेकिन दो-तीन महीने के बाद बेटे की छाती से आवाज आने लगी। इसके बाद पिता ने हिसार के दूसरे डॉक्टर को दिखाया लेकिन फिर भी कोई असर नहीं हुआ। एक हफ्ते तक अस्पताल में दाखिल भी रखा। दोबारा डॉक्टर को दिखाने पर उन्होंने पीजीआई या एम्स में दिखने की सलाह दी। इसके बाद पिता ने बच्चों को हिसार के दूसरे निजी अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टरों ने एसएमए टेस्ट करवाया। 18 मई को जब टेस्ट की रिपोर्ट आई तो युवांश की स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 यानी SMA बीमारी का पता चला। इसके बाद पिता बच्चों को लेकर 22 मई को पीजीआई के डॉक्टर के पास गए। डॉक्टर ने उन्हें हमारी रीढ़ की हड्डी में न्यूरांस बनते हैं और उन्हीं से सेल बनते हैं। जो शरीर की ग्रोथ करते हैं। डॉक्टर ने कहां कि SMA बीमारी होने पर न्यूरांस नहीं बनते जिसके फल स्वरुप शरीर की ग्रोथ नहीं होती। डॉक्टर का कहना है कि इस बीमारी से बच्चे को बचाने के लिए एक इंजेक्शन की जरूरत है जो कि बच्चों को 2 साल तक लगवाना जरूरी है। इस इंजेक्शन की कीमत 14.50 करोड. रूपये है। इसके बाद दो-तीन माह तक उपचार चलता है।
पीएम से भी मांगी पिता ने मदद : कांस्टेबल राजेश ने बताया कि इतनी बड़ी राशि जुटाना उनके लिए मुमकिन नहीं है। उनका कहना है कि यदि वह अपना सब कुछ बेच दे तो भी इतनी बड़ी रकम इकट्ठी नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने अपने बच्चों के जीवन को बचाने के लिए सबसे मदद करने की गुजारिश की है। इसमें पुलिस कर्मचारी और आम लोग सहयोग कर रहे हैं इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नायक सिंह सैनी, एक्टर सलमान खान और एक्टर सोनू सूद को भी उन्होंने ट्वीट कर मदद की गुहार लगाइए। युवांश के पिता ने टाटा फाउंडेशन, ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल विज, सांसद नवीन जिंदल, उद्योगपति गौतम अडानी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी उन्होंने मदद की गुहार लगाई है।
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