वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी मकान को शुभ माना जाता है। ऐसा हम सब सोचते हैं। लेकिन यह पूरा सच नहीं है। इस लेख में आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
यह तो सत्य है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी मकान को शुभ माना जाता है लेकिन यह पूरा सच नहीं है। यदि घर का मुख्य द्वार उचित पद पर ना हो तो वह उत्तर मुखी मकान भी आपको नुकसान दे सकता है। वास्तु शास्त्री आचार्य पंकित गोयल के अनुसार कि यदि आप अपने घर का निर्माण करते, समय घर का मुख्य द्वार का उत्तर के तीसरे चौथे पद पर करते हैं तो यह बहुत शुभ माना जाता है। यह तीसरी चौथे पद का मुख्य द्वार आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और जीवन में खुशियां। लेकिन यदि आप घर का मुख्य द्वार तीसरे चौथे पद के अतिरिक्त कहीं बनाते हैं तो वह आपको नुकसान दे सकता है। आईए जानते हैं तीसरे और चौथे पद के मुख्य द्वार की विशेषताएं।
सकारात्मक ऊर्जा : उत्तर दिशा का तीसरे या चौथे पद का मुख्य द्वार हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। जिससे परिवार के सदस्यों को लाभ होता है।
धन और समृद्धि : उत्तर दिशा को धन और समृद्धि की दिशा माना जाता है और यदि मुख्य द्वार तीसरे और चौथे पद पर हो तो वह घर में रहने वाले व्यक्तियों को धन और समृद्धि का लाभ देता है।
खुशी और सफलता : यह मुख्य द्वार घर में खुशियों को बढ़ावा देता है और घर में रहने वाले व्यक्ति व्यवसाय में सफलता प्राप्त करते हैं।
स्वास्थ्य और शांति : इस मुख्य द्वार के घर में रहने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य से संबंधित कोई समस्या नहीं होती। खास करके घर की महिलाओं को।
निष्कर्ष : अधूरे ज्ञान के कारण लोग यह समझते हैं कि उत्तर दिशा में होने से घर शुभ होता है लेकिन आचार्य पंकित गोयल के अनुसार उत्तर दिशा का मुख्य द्वार होना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उसका उचित पद पर होना अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए अपने मुख्य द्वार का चयन करते समय पद का ध्यान रखें।
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